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झारखण्ड में भूमि सम्बंधी कानून (Land Laws in Jharkhand)

 वर्ष 1765 मैं छोटा नागपुर का क्षेत्र ब्रिटिश शासन के अंतर्गत आया तथा वहां मालगुजारी व्यवस्था लागू की गई। वर्ष 1793 में रामगढ़ के पहाड़ी क्षेत्रों में स्थाई बंदोबस्त रेगुलेशन एक्ट लागू किया गया था। झारखंड में 1824 ईस्वी में प्रथम बार रही हो तो के अधिकारों को परिभाषित करते हुए उनकी सुरक्षा का प्रावधान किया गया । वर्ष 1834 ईस्वी में छोटा नागपुर क्षेत्र में विल्की सेन कानून लागू किया गया था बाद में इसे 1837 ईस्वी में कोल्हान में भी लागू किया गया। वर्ष 1862 ईस्वी में हुई हरिभूमि और मझियास भूमि को चिन्हित करने के लिए बाबू रखलदास हालदार के नेतृत्व में हुई हरी सर्वे प्रारंभ किया गया। छोटा नागपुर के क्षेत्र में 1879 ईस्वी में छोटा नागपुर भूस्वामी एवं कष्टकारी प्रक्रिया अधिनियम को लागू किया गया। वर्ष 1903 में मुंदरी फुटकट्टी दारी प्रथा को मान्यता प्रदान की गई। सन 1950 ईस्वी में बिहार भूमि सुधार अधिनियम को लागू किया गया था। ब्रिटिश सरकार द्वारा लागू किए गए कुछ महत्वपूर्ण अधिनियम निम्नलिखित है छोटा नागपुर भूधरिति अधिनियम 1869 #छोटा नागपुर में भूमिहारी को भूत कृतियां नाम से भी जाना जाता है इसे ऐस

झारखंड में भूमि संबंधी कानून

  झारखंड में भूमि संबंधित कानूनी विधाएँ भारतीय संविधान और राज्य के विशेष प्रावधानों के तहत बनाई जाती हैं। यहां कुछ मुख्य भूमि संबंधित कानूनी प्रावधानों की एक सामान्य जानकारी दी जा रही है, लेकिन यदि आप विस्तृत और नवीनतम जानकारी चाहते हैं, तो स्थानीय सत्ताओं और अधिकारियों से संपर्क करना सबसे उपयुक्त हो सकता है: भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894: इस अधिनियम के तहत, सरकार को आवश्यकता होने पर भूमि को अधिग्रहित करने का अधिकार होता है, जो उचित मुआवजा देने का प्रावधान करता है। झारखंड भूमि अनुसूचित जनजाति क्षेत्रीय पुनर्निर्माण अधिनियम, 2001: इस अधिनियम के तहत, झारखंड राज्य में अनुसूचित जनजातियों के लिए भूमि पुनर्निर्माण योजनाएं बनाने और कार्रवाई करने का प्रावधान है। झारखंड ग्राम स्वराज अधिनियम, 2001: इस अधिनियम के अंतर्गत, ग्राम सभाओं को भूमि प्रबंधन और स्वराज के क्षेत्र में अधिकार और कर्तव्य मिलते हैं। झारखंड भूमि सुधार और बिकास निगम (Jharkhand Land Improvement and Development Corporation): इस निगम का उद्देश्य झारखंड राज्य में भूमि सुधार और विकास के कार्यों को संचालित करना है। झारखंड अपारण्हित