झारखंड में भूमि संबंधी कानून
झारखंड में भूमि संबंधित कानूनी विधाएँ भारतीय संविधान और राज्य के विशेष प्रावधानों के तहत बनाई जाती हैं। यहां कुछ मुख्य भूमि संबंधित कानूनी प्रावधानों की एक सामान्य जानकारी दी जा रही है, लेकिन यदि आप विस्तृत और नवीनतम जानकारी चाहते हैं, तो स्थानीय सत्ताओं और अधिकारियों से संपर्क करना सबसे उपयुक्त हो सकता है:
भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894: इस अधिनियम के तहत, सरकार को आवश्यकता होने पर भूमि को अधिग्रहित करने का अधिकार होता है, जो उचित मुआवजा देने का प्रावधान करता है।
झारखंड भूमि अनुसूचित जनजाति क्षेत्रीय पुनर्निर्माण अधिनियम, 2001: इस अधिनियम के तहत, झारखंड राज्य में अनुसूचित जनजातियों के लिए भूमि पुनर्निर्माण योजनाएं बनाने और कार्रवाई करने का प्रावधान है।
झारखंड ग्राम स्वराज अधिनियम, 2001: इस अधिनियम के अंतर्गत, ग्राम सभाओं को भूमि प्रबंधन और स्वराज के क्षेत्र में अधिकार और कर्तव्य मिलते हैं।
झारखंड भूमि सुधार और बिकास निगम (Jharkhand Land Improvement and Development Corporation): इस निगम का उद्देश्य झारखंड राज्य में भूमि सुधार और विकास के कार्यों को संचालित करना है।
झारखंड अपारण्हित भूमि (स्थानीय विकास विभाग): स्थानीय विकास विभाग ज़िलों और उनके अधिकारियों के माध्यम से अपारण्हित भूमि के कार्यों का संचालन करता है।
ये केवल कुछ कानूनी प्रावधान हैं और झारखंड राज्य में भूमि संबंधित कई और कानूनी विधाएँ हो सकती हैं। इसलिए, सटीक और विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए स्थानीय न्यायिक और प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क करना उचित होगा।
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