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खतियान

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Click the link below👇 https://youtu.be/D5GA5GyYyzA खतियान मुख्यत पांच प्रकार के होते हैं- (1)केसरे हिंद खतियान (2)डिस्ट्रिक बोर्ड खतियान (3)रैयती खतियान (4)गेर्मजुरआ आम खतियान (5)गैर्मजूरवा खास खतियान (1) इसके अन्तर्गत वे सभी जमिन आते हैं,जिसका अधिकार मुख्य रुप से केंद्र सरकार के पास होता हैं।अवश्यक्ता पड़ने पर केंद्र सर्कार सिर्फ एक सूचना के माध्यम से आदेश दे सक्ती हैं।इस जमिन की बन्दोबस्ती केंद्र सरकार  अपने रक्षा कर्मियों को देने के लिये कर सक्ती हैं। (2) डिस्ट्रिक्ट बोर्ड खतियान के अन्तर्गत खास महत्व की जमीने आती है, जिसपर राज्य सरकार का अधिकार होता हैं। (3) रैयती खतियान के अन्तर्गत सभी रैयतों तथा किसानों का जमिन आता हैं,इसमें प्रत्येक प्लॉट का विवरण लिखा जाता हैं।इसमे प्योर मौजे के किसानो या रैयतों के नाम खतियान बनाया जाता हैं।

अभितक सर्वे कितने प्रकार से किये जा चुके हैं?

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https://youtu.be/NAvD7D-cqEM अभितक सर्वे चार प्रकार से किये जा चुके हैं। (1) थोक्व्स्त्र सर्वे (2) कैन्डेसटल सर्वे (3) रेवेंयू सर्वे (4) रिवीजनल सर्वे (1) इस सर्वे को सभी सर्वे का आधार माना जाता हैं।क्यों की इस सर्वे में अमीन से संबंधीत कई नियम पहलीबार बना जिससे लोगों को लगान देने में सुविधा होने लगी।सर्वप्रथम इस सर्वे में प्रत्येक मौजा का एक सर्हदी लाईन नक्शे पर बनाया गया तथा प्रतेक को एक एक नम्बर से सुचित किया गया ,जिस नम्बर को हम आप थाना नम्बर के नाम से जानते है।इस सर्वे में बनाए गये नक्शे में मौजे के मुख्या चीजों को दर्शाया जाता हैं।जैसे-नदी ,तालाव,मन्दिर,मस्जिद इत्यादी।इन सभी चीजों को सर्वे में सम्मिलित करने का श्रेय "टोडरमल"को जाता हैं।टोडरमल भारतीय इतिहास में सर्वे के पिता के नाम से बिख्यात हैं।

सर्वे के इतिहास से आप क्या समझते है?

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https://youtu.be/NAvD7D-cqEM सर्वे का इतिहास काफी पुराना हैं।प्रारम्भ में सर्वे के विषय में किसी को भी कोई जानकारी नहीं थी। सर्वप्रथम यह जान लेना आवश्यक हैं की सर्वे से तात्पर्य जमीन के सर्वे से है।बहुत पहले जब जमिन से संबंधीत कोई कागकागजात या पैमाना नही था ,उस समय लोगों को काफी कठिनाईयो का सामना करना पड़ता था।क्योकी उस समय जमींदारी की प्रथा थी अर्थात जमीन के मालिक उस खेत पर काम करने वाले किसान नही थे बल्कि उसका मालिक वहा के जमींदार हुआ करते थे।वास्तव मे उस समय राजतंत्र था।लेकिन अप्रत्यक्ष रुप से शासन जमींदार किया करते थे। वे लोगो के बीच जमिन की बन्दोबस्ती कर दिया करते थे,जो क्रमशह 2साल,5साल,7साल या 10 साल तक् के लिये किया जाता था ।इसके पश्चात उनसे जमिन ले ली जाती थी या नई दर पर पूनह उन्हे ही बन्दोबस्त कर दिया जाता था।इस बन्दोबस्ती के लिये वे कोई कागज भी नहीं देते थे तथा उस समय जमिन का लगान भी निश्चित नही था,जिस कारण कभी कभी किशां को एक ही खेत के लिये दो दो बार लगान्चुकाना पड़ता था ,इसके खिलाफ वे कोई आवाज भी नही उठा सकते थे,क्योकि उन्हें जमिन छिन जाने का भय बना रह्ता था।

कौन सा कागजात को जाचें जमिन खरीदते समय?

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https://youtu.be/9tFLoRZ_yVc ☝️उपर के लिंक को क्लिक करके सम्पुर्ण जानकारी प्राप्त करें। निचे के लिंक को क्लिक करके ब्लोग को पढ़े 👇 / https://housing.com/news/hi/due-diligence-land-purchase-hi/

सर्वे करने से पूर्व अमीन को किन-किन बातों पर ध्यान देना चाहिए?

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जब किसी मौजा में सर्वे का कार्य प्रारम्भ करना होता है ,तो सर्वप्रथम अमीन को निम्नलिखित बातो पर ध्यान देना होता है- (1) अमीन को सर्वप्रथम सूर्यदय से पूर्व उठकर अपने यंत्रो की जांच प्रतिदिन करनी चाहिए। (2) सर्वे करने से पूर्व मुस्तकील की जांच चारो दिशाओं से कर लेनी चाहिए,जिसमें पैमाईस में गलती होने की सम्भावना नही रह्ती है। (3) सर्वे में पैमाईस करने के समय जरीब को हमेशा एक मुस्त्कील से दुसरे मुस्तकील तक चलाना चाहिए,जिसमें पैमाईस शुद्ध हो सके। (4) सर्वे करने से पूर्व उस मौजा के कुछ बुजुर्ग लोगों के साथ उस मौजा के सरहद को देख लेना आवश्यक होता हैं तथा साथ ही साथ एक नजरिया नक्शा भी बना लेना चाहिए। (5) नक्शा में सर्हदी लाईन या बाउन्डरी  लाईन काली स्थाई के पेन से बनाना चाहिए तथा उसके अंदर बनाये गये प्रतेक प्लॉट के नक्शे को पेन्सिल से बनाया जाना चाहिए,जिससे आबश्यक्ता पड़ने पर सुधारा जा सके। (6) जरीब को चलाने से पुर्ब उसकी जाँच सुजा एवं काईरा की सहायता से कर लेनी चाहिए। अतह सर्वे करने से पूर्व अमीन को मुख्य रुप से इन्ही बातों पर ध्यान देना परम आवश्यक होता हैं।

सर्वे में प्रयुक्त होनेवाले प्रमुख अलातो(यंत्रो या उपकरणों)के नाम

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(1)प्रकाल (2)गुनिया (3)जरीब (4)डायग्नाल स्केल (5)कंघी(एकड़ काँम) (6)टाँक (7)सुजा (8)काइरा (9)लट्ठा (10)झण्डी (11)प्लान्टेब्ल (12राइटिंग्ल क्लिक करें निचे दिये गये लिंक को https://youtu.be/7tPrmflGpTk

पैमाना क्या हैं?

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जब किसी बस्तु या जगह की पैमाईस किसी निश्चित मापदंड के सहारे किया जाता हैं,जो आसानी से समझा जा सके,पैमाना कहलाता हैं।यहा पैमाना से अभिप्राय जमिन के नाप से संबंधीत आधार से है।इसी आधार से नक्शा से जमिन की पैमाईस की जाती है।यह तीन प्रकार का होता है। (क) 16"=1 मील (ख) 32"=1 मील (ग) 64"= 1 मील पैमाना नक्शा पर ,नक्शा के बाई ओर लिखा जाता हैं।क्लिक करें इस लिंक को और पायें ज्यादा इन्फॉर्मेशन 👉 https://youtu.be/FzPnLAu6AgQ (क) 16"= 1 मील :-इस पैमाने के आधार पर उस जगह का नक्शा बनाया जाता है,जहां की आबादी कम हो,इसमे नक्शा जमिन की पैमाईस के अनुरुप ही बनाया जाता हैं या नक्शा से पैमाईस जमिन पर नक्शा के अनुरुप ही किया जाता हैं। जैसे-यदि किसी प्लॉट की लम्बाई जमीन पर 80कड़ी तथा चौड़ाई 50 कड़ी हो तो नक्शा पर भी उसी लम्बाई और चौड़ाई का बनायेंगे।तथा नक्शा से पैमाईस भी नक्शा के बताये हुए निर्देश पर ही करेंगे।अर्थात इस पैमाने मे यदि जमीन 1डिसमिल का है तो नक्शा पर भी उसे 1डिसमिल ही दर्शाया जायेगा। (ख) 32"= 1मिल:-इस पैमाने के आधार पर नक्शा उं क्षेत्र में बनाया जाता हैं,जाहा

सर्वे क्या हैं? यह कितने चरणो मे संपन्न किया जाता हैं?

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https://www.youtube.com/watch?v=653jpiS1sxc ☝ऊपर के लिंक को क्लिक करके यूट्यूब वीडियो देखें - किसी भी चल-अचल या सजीव निर्जीव की गणना कर आकड़ो में प्रस्तुत करना सर्वे कहलाता हैं। परन्तु यहाँ सर्वे का तात्पर्य जमीन  सर्वे से हैं। इसमें पूर्व में किये गए सर्वे की कमियों को सुधर कर नया रूप दिया जाता हैं।पुराने नक़्शे के आधार पर नया नक्शा बनाया जाता हैं। जमीन से सम्बंधित सभी कागजातों को बदलकर सर्वे  समय का खतियान दे दिया जाता हैं. जिसमे उनके जमीन  का  बिवरण दर्ज होता हैं। सर्वे मुख्यता 50 वर्षों के बाद  होता हैं। सर्वे मुख्यतः तीन चरणों में कराया जाता हैं। (१) किस्तवार (२) खानापूरी (३) तस्दीक एबं बुझारत (१) किस्तवार-  यह सर्वे का प्रथम चरण हैं। इस चरण  किसी मौजा(गांव )में सर्वे प्रारम्भ किया जाता हैं। सर्वप्रथम वहां सर्वे अधिकारी जाकर एक ग्राम सभा आयोजन करतें हैं। उसमें सभी ग्रामीणों की उपस्थिति अनिवार्य होती हैं। इस बैठक में ग्रामीणों को सर्वे की सुचना दी जाती हैं तथा नियमो को समझाया जाता जाता हैं। उपस्थित ग्रामीणों से ही 11 सदस्यों की समितिबनाया जाता हैं जो सर्वे कार्यो का देख-रेख करत

* अमीन किसे कहते हैं ?

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अमीन एक अरबी शब्द है. जिसका अर्थ हिंदी में ईमानदार होता हैं। साधारणतः अमिन उस बेक्ति को कहा जाता हैं जो किसी भी खेत या जगह  ईमानदारी पुर्बक तथा एक निश्चित पैमाने पर नापकर लोगो  समक्ष प्रस्तुत करता हैं,तथा  संतुस्ट करता हैं। निचे दिए गए लिंक को क्लिक करके आप यूट्यूब वीडियो देखकर ज्यादा से ज्यादा जानकारीन ले सकते हैं.  AMANAT SIKHEN      ➤ https://www.youtube.com/watch?v=653jpiS1sxc